मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वामी बोले-तुम पढ़ाई क्... मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वा...
तुम्हारा पत्र तुम्हारा पत्र
कितना कुछ है कहने को, कितना कुछ है लिखने को, कितना कुछ , वो सब, जो मैं कभी तुमसे कह नहीं पाई वो सब ... कितना कुछ है कहने को, कितना कुछ है लिखने को, कितना कुछ , वो सब, जो मैं कभी तुमस...
भारत हमारा देश है जहाँ हमारी पैदाइश हुई उस के नागरिक होने का नाज़ है। भारत हमारा देश है जहाँ हमारी पैदाइश हुई उस के नागरिक होने का नाज़ है।
अपने बेटे का पेट भरने के लिए खाली डब्बों में अन्न का दाना ढूँढ रही थी.. अपने बेटे का पेट भरने के लिए खाली डब्बों में अन्न का दाना ढूँढ रही थी..
ऐसा न हो कि अगली सरकार इस बसन्त को पतझड़ में बदल दे। हम किसान हैं...ये कभी ना भूलना छोटी के बापू। ऐसा न हो कि अगली सरकार इस बसन्त को पतझड़ में बदल दे। हम किसान हैं...ये कभी ना भूल...